कब से लगेगा होलाष्टक? आठ दिनों के लिए रुकेंगे शुभ कार्य

कब से लगेगा होलाष्टक? आठ दिनों के लिए रुकेंगे शुभ कार्य
when will Holashtak take place

हिन्दू धर्म में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है। होलाष्टक शब्द दो शब्दों का संगम माना गया है। हिन्दू धर्म में होली को आठ दिनों का पर्व माना गया है। इस साल यानी 2021 में होलाष्टक की अवधि 21 मार्च से 28 मार्च यानी होलिका दहन तक रहेगा। होलाष्टक के दिनों में गृह प्रवेश, डन संस्कार, विवाह संबंधी वार्तालाप, सगाई, विवाह, किसी नए कार्य, नींव आदि रखने, नया व्यवसाय आरंभ या किसी भी मांगलिक कार्य आदि का आरंभ शुभ नहीं माना जाता। इस मध्य 16 संस्कार भी नहीं किए जाते।

इसके पीछे का ज्योतिषीय और पौराणिक कारण दोनों ही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कामदेव ने भगवान  शिव की तपस्या भंग की थी। इससे रुष्ट होकर उन्होंने प्रेम के देवता यानी कामदेव को फाल्गुन की अष्ठमी तिथि के दिन ही भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने शिव की आराधना की और कामदेव को पुनर्जीवित करने की याचना की जो उन्होंने स्वीकार कर ली। महादेव के इस निर्णय के बाद जन साधारण ने हर्षोल्लास मनाया और होलाष्टक का अंत दुलंहडी को हो गया। इसी परंपरा के कारण यह 8 दिन शुभ कार्यों के लिए वर्जित माने गए।

जानिए होलाष्टक के पीछे का ज्योतिषीय कारण

ज्योतिषी कारण के हिसाब से माना जाता है कि अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, तथा पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। जब भी इन ग्रहों के निर्बल होते है तो मानव मस्तिष्क की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है और इस दौरान गलत फैसले लिए जाने के लिए हानि होने की भी संभावना रहती है। हिन्दू शास्त्र में विज्ञान में भी पूर्णिमा के दिन ज्वार भाटा, सुनामी जैसी आपदा आती रहती है या फिर पागल व्यक्ति और उग्र हो जाता है। इस प्रकार से सही निर्णय नहीं हो जाता है।

जिनकी कुंडली में नीच राशि के चंद्रमा, बृश्चिक राशि के जातक, चंद्र छठे या आठवें भाव में हैं उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहना चाहिए। मानव मस्तिष्क पूर्णिमा से 8 दिन पहले कहीं न कहीं क्षीण, दुखद, अवसाद पूर्ण, आशंकित, निर्बल हो जाता है। ये अष्ट ग्रह, दैनिक कार्यकलापो पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।

शुभ मुहूर्त- फाल्गुन पूर्णिमा 2021

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे

होलिका दहन 2021

होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56

अवधि – 02 घंटे 20 मिनट

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