कब से शुरू हो रहा है 'नव संवत्सर', जानिए चैत्र माह कैसा रहेगा

कब से शुरू हो रहा है 'नव संवत्सर', जानिए चैत्र माह कैसा रहेगा
Chaitra Month 2021

हिन्दू धर्म में माना जाता है कि अमावस्या के बाद में चन्द्रमा जब मेष  अश्विनी नक्षत्र में प्रकट होकर रोजाना एक एक कला बढ़ता हुआ पन्द्रवे दिन चित्र नक्षत्र में पूर्णता को प्राप्त करता है। तब वह मास 'चित्रा' नक्षत्र के कारण 'चैत्र' कहलाता है। इसे संवत्सर कहते हैं जिसका अर्थ है ऐसा विशेषकर जिसमें बारह माह होते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम माह होता है इसके बाद चैत्र माह का प्रारंभ हो जाता है।

इस साल यानी 2021 में चैत्र माह का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 29 मार्च 2021 से हो रहा है। माह की शुरुआत तो कृष्ण पक्ष एक से ही 29 मार्च को प्रारंभ हो जाएगी। परंतु प्रतिपदा से नववर्ष प्रारंभ होने के कारण 13 अप्रैल 2021 ने बड़ी नवरात्रि प्रारंभ होगी और इसी दिन गुड़ी पड़ा भी है। तभी से विक्रम संवत 2078 भी प्रारंभ हो जाएगा।

  1. ज्योतिष के अनुसार नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। हर राज्य में इसका नाम अलग अलग है। ईरान में इस तिथि को नौरोज यानी नया वर्ष मनाया जाता है। आंध्र में यह पर्व 'उगादिनाम' से मनाया जाता है। उगादिका अर्थ होता है युग का प्रारंभ, अथवा ब्रह्मा की सृष्टि रचना का पहला दिन। इस प्रतिपदा तिथि को ही जम्मू-कश्मीर में 'नवरेह', पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में 'गुडीपड़वा', सिंध में चेतीचंड, केरल में 'विशु', असम में 'रोंगली बिहू' आदि के रूप में मनाया जाता है। विक्रम संवत की चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से न केवल नवरात्रि में दुर्गा व्रत-पूजन का आरंभ होता है, बल्कि राजा रामचंद्र का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगददेव का जन्म हुआ था।
  2. जैसा कि हम सभी जानते है फाल्गुन और चैत्र वसंत माह को उत्सव को महीने माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र के मध्य में जब प्रकृति अपने श्रृंगार की सृजन की प्रक्रिया में होती है। इस माह में लाल, पीले, गुलाबी, नारंगी, नीले, सफ़ेद रंग के फूल खिलते है। चैत्र माह में पेड़ों पर नए पत्ते आते है और हर तरफ प्रकृति अपना रूप दिखाती है।
  3. हिन्दू धर्म में मार्च को ही वर्ष का पहला महीना माना जाता है। आज के समय में भी बहीखाते का नवीनीकरण और मंगल कार्य की शुरुआत मार्च में ही होती है। ज्योतिष  में ग्रह, ऋतु, मास, तिथि एवं पक्ष आदि की गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही की जाती है। मार्च से ही सूर्य मास अनुसार मेष राशि की शुरुआत भी मानी गई है।

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