क्यों जरुरी है महामृत्युंजय मंत्र की पूजा - Maha Mrityunjaya Jaap Puja Online

क्यों जरुरी है महामृत्युंजय मंत्र की पूजा - Maha Mrityunjaya Jaap Puja Online

महामृत्‍युंजय मंत्र का नियमित जाप करवाने से मृत्‍यु, भय, रोग, शोक और अन्य दोष का प्रभाव कम होता है । जीवन सफल व खुशहाली  के लिए महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें ।

महादेव की उपासना में महामृत्युंजय मंत्र सर्वशक्तिशाली माना जाता है। इस शक्तिशाली मंत्र के उच्चारण मात्र से ही व्यक्ति की जीवन में अचानक मृत्यु नहीं होती व व्यक्ति का भय भी समाप्त हो जाता है।  महामृत्युंजय मंत्र महादेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे आसान तरीका है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के ऊपर घोर संकट भी टल जाता है। इसके स्मरण मात्र से व्यक्ति के मन से भय का नाश हो जाता है कभी भी कोई भी विपदा उसके नजदीक भी नहीं आती और अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार चल रहा हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से उस परेशानी से बाहर आ जाता है। और इस मंत्र के जप से से फल भी अधिक मिलता है।

महा मृत्युंजय पूजा के लाभ

अकाल मृत्यु से होती है रक्षा। यह मृत्यु पर विजय पाने का मंत्र है। मिलता है निरोगी रहने का आशीर्वाद। सर्जरी, दुर्घटना जैसे आकस्मिक दुखों से करता है रक्षा। कष्ट और संकट से बचाता है।

क्या आप परेशान है अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर, घर बैठे कराएं महामृत्युंजय मंत्र का जाप

महादेव का महामृत्युंजय मंत्र का जाप क्यों महत्वपूर्ण है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में पीड़ा का योग बन रहा हो या वह किसी बीमारी से परेशान हो या होने वाली हो तो या मंत्र आपको उस पीड़ा से बाहर आने का मार्ग दिखाता है।
यदि किसी जातक को धन या सम्पति में लगातार नुक्सान हो रहा हो या किसी जमीन या क़ानूनी केस चल रहा हो तो महामृत्युंजय मंत्र ही इसका हल है।
महादेव का महामृत्युंजय मंत्र नाड़ीदोष ,षडाष्टक व सभी दोषो को दूर करता है व घर या बाहर चल रहे कलेश को दूर करता है।

महामृत्युंजय मंत्र के जाप करते समय इन बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है

  1. महामृत्युंजय मंत्र बहुत ही शक्तिशाली एवं कल्याणकारी मंत्र है। लेकिन इस मन्त्र का जाप करते समय उच्चारण सही तरीके से करना आवश्यक है जिससे आपको इस मंत्र का पूरा फल मिल सके व अशुभ फल ना मिले इस लिए उच्चारण सही तरीके से करें।

  2. महामृत्युंजय मंत्र या अन्य किसी भी मंत्र का उच्चारण सही से करना चाहिए। जब भी मंत्र का जाप करे हमेशा पूर्व दिशा में करें।
  3. महामृत्युंजय मंत्र जाप की माला पिछले दिन से ज्यादा करनी चाहिए और भूल कर भी काम ना करें ।
  4. मंत्र जाप करते समय हमेशा धीमे स्वर में करना चाहिए व जाप करते समय धुप व दीपक जरूर प्रज्वलित करें।
  5. महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। जाप करते समय माला गौमुखी में ही रहनी चाहिए।
  6. महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा शिवलिंग या महदेव की प्रतिमा के सामने ही करना चाहिए व कुश के आसन पर बैठकर करना चाहिए।
  7. महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करना चाहिए।
  8. महामृत्युंजय मंत्र जाप जिस स्थान से शुरू किया उसी स्थान पर समाप्त करना चाहिए।
  9. महामृत्युंजय मंत्र जाप करते समय ब्रह्मचर्य पालन करें। इस समय अनुचित वार्तालाप न करे एवं शाकाहारी ही रहे।

 

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