जानिए क्यों खास है नए साल 2023 का पहला दिन

जानिए क्यों खास है नए साल 2023 का पहला दिन

जानिए क्यों खास है नए साल 2023 का पहला दिन

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2023 की शुरुआत में तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं। इस दिन शनि, बुध और शुक्र की युति से मकर राशि में त्रिग्रही योग रहेगा। दूसरा, अश्विनी कुल 27 नक्षत्रों में पहला नक्षत्र है। तीसरा, वर्ष का पहला दिन रविवार है, जिसके स्वामी स्वयं सूर्य देव हैं।

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सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और अश्विनी नक्षत्र के साथ नए साल 2023 की शुरुआत होने जा रही है। ज्योतिष के अनुसार साल 2023 की शुरुआत में तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं। इस दिन शनि, बुध और शुक्र की युति से मकर राशि में त्रिग्रही योग रहेगा। दूसरा अश्विनी कुल 27 नक्षत्रों में प्रथम नक्षत्र है। तीसरा, वर्ष का पहला दिन रविवार है, जिसके स्वामी स्वयं सूर्य देव हैं। ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी स्थिति साल की शुरुआत में लोगों को ऊर्जावान बनाने का काम करेगी।

क्यों खास है नया साल 2023?

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में कुल 162 सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। इसके अलावा 143 रवि योग, 33 अमृत सिद्धि योग का भी योग रहेगा। साल 2023 में 14 पुष्य योग (नक्षत्र) रहेंगे। पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना अत्यंत शुभ होता है। पुष्य योग दो बार मार्च और दिसंबर के महीने में बनेगा। नए साल में जनवरी में सबसे ज्यादा 16 बार सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इसके अलावा मार्च, अप्रैल, जुलाई और दिसंबर में अधिकतम 14-14 बार रवि योग बनेगा। वहीं, अप्रैल में सबसे ज्यादा छह बार अमृत सिद्धि योग रहेगा।

कैसी होगी शनि-गुरु की स्थिति

वर्ष 2023 में न्याय के देवता शनि 17 जनवरी को कुम्भ राशि में गोचर करेंगे और पूरे वर्ष इसी राशि में रहेंगे। वहीं देव गुरु बृहस्पति 21 अप्रैल तक स्वराशि मीन राशि में विराजमान रहेंगे। इसके बाद पूरा साल मेष राशि में रहेगा। 29 जून 2023 से 23 नवंबर 2023 तक चातुर्मास रहेगा, जिसमें विवाह कार्यक्रम वर्जित रहेंगे।

क्यों खास है साल 2023 का पहला दिन?

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नए साल 2023 की पहली तारीख को कई विशेष संयोग बन रहे हैं। साल की शुरुआत नक्षत्रों के क्रम में पहले नक्षत्र अश्विनी से हो रही है। राशियों के क्रम में पहली राशि मेष है और वारों के क्रम में पहला दिन रविवार भी होगा। ऐसे में साल की शुरुआत भी समृद्धि, प्रगति और समृद्धि के संकेत कर रही है। सूर्य के प्रभाव से भारत तकनीक की दुनिया में अपना परचम लहरा सकता है।

स्वराशि में शनि और गुरु विराजमान हैं

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 1 जनवरी 2023 को न्याय के देवता शनि और न्याय के देवता बृहस्पति अपनी-अपनी राशियों में विराजमान होने जा रहे हैं। साल की शुरुआत में शनि मकर राशि में रहेगा। मित्र ग्रह शुक्र और बुध की युति से त्रिग्रही योग बनेगा। यानी मकर राशि के जातकों को प्रबंधन, धन, भौतिक भोग-विलास से जुड़ी चीजों का लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही बृहस्पति स्वराशि मीन राशि में रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार जब भी कोई ग्रह अपनी ही राशि या भाव में बैठा होता है तो वह हमेशा शुभ फल ही देता है।

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