जानिए ईशान कोण के बारे में सबकुछ, वास्तु में क्यों है ईशान कोण इतना महत्वपूर्ण

जानिए ईशान कोण के बारे में सबकुछ, वास्तु में क्यों है ईशान कोण इतना महत्वपूर्ण

जानिए ईशान कोण के बारे में सबकुछ, वास्तु में क्यों है ईशान कोण इतना महत्वपूर्ण

ईशान दिशा में क्या रखेंगे : दस दिशाएं होती हैं। पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, नीचे और ऊपर। उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान दिया या ईशान कोण कहते हैं। आओ जानते हैं कि वास्तु और ज्योतिष में क्या है इसका महत्व।

1. ईशान है देवताओं की दिशा : शिवजी का एक नाम है ईशान। इस दिशा में सभी देवी और देवता निवास करते हैं।

2. खुला आकाश : पृथ्वी का आकाश उत्तर पूर्व में अधिक खुला और चमकीला दिखाई देता है क्योंकि हमारी पृथ्वी इस कोण पर उठी हुई है या यूं कहें कि झुकी हुई है।

3. ईशान कोण के स्वामी : ईशान कोण का स्वामी बृहस्पति ग्रह है और देवता ब्रह्मा हैं। इसलिए इस दिशा के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया गया है। इसलिए इस कोण में पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। इससे कोई से ही सांसारिक और आध्यात्मिक सुख एवं समृद्धि तय होती है। इस कोण को अच्छे से डेकोरेट करके रखना चाहिए।

4. जल की स्थापना : जल तत्व की स्थापना ईशान कोण में होती है। घर की इस दिशा में हैंडपंप, बोरिंग, होल या कुआं बनाया जा सकता है। यहां पर मटके या घड़े में जल भरकर रखा जा सकता है या यहां जल की स्थापना की जानी चाहिए। घर में पंडेरी और बाहर स्वीमिंग पूल बनाया जा सकता है।

5. पूजा घर : वास्तु के अनुसार यहां पूजा का घर बनाया जा सकता है, लेकिन लाल किताब के किसी जानकार से पूछकर ही पूजा घर बनवाएं। 

6. स्वच्छ और रिक्त रखें : यह कोण धन, स्वास्थ्य ऐश्वर्य, वंश में वृद्धि कर उसे स्थायित्व प्रदान करने वाला है अत: इस कोण को भवन में सदैव स्वच्छ एवं पवित्र रखना चाहिए।

7. मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है। यदि आपका मकान ईशानमुखी है तो अति उत्तम है। बस आपको शौचालय, किचन और शयन कक्ष को वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।

8. तिजोरी : कहा जाता है कि ईशान कोण में गृह व्यवस्था के मुखिया का धन और आभूषणों का होना बुद्धिमान माना जाता है।  यह भी माना जाता है कि अगर इसे उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखा जाता है, तो घर की बेटी और पूर्व में रखें तो, पुत्र बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध होता है।

9. प्लांट : इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है। इसके अलावा केल और केला, लटजरी, पाकड़ और आंवला का पौधा भी लगा सकते हैं।

10. ईशान दोष : उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो पूजा के प्रति झुकाव, देवताओं, धर्म और गुरुओं में विश्वास की कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, प्रसव में देरी, बेहोशी, पेट विकार, कान रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट की संभावना रहती है। इसीलिए ईशान दिशा में भारी सामान नहीं रखते हैं, शनि, राहु, केतु और बुध से संबंधित सामान भी नहीं रखते हैं।