अबकी बार पंचक में हो रहा चैत्र नवरात्र आरंभ, इसलिए भक्तों के लिए बेहद शुभ फलदायी

अबकी बार पंचक में हो रहा चैत्र नवरात्र आरंभ, इसलिए भक्तों के लिए बेहद शुभ फलदायी

चैत्र नवरात्रि 22 मार्च बुधवार से शुरू हो रही है और पंचक काल रविवार 19 मार्च से शुरू हो रहा है। इसके अनुसार पंचक काल में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा कुम्भ या मीन राशि में होता है तब पंचक काल शुरू होता है और इसकी अवधि पांच दिनों की होती है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा और द्वितीया तिथि पर पंचक का प्रभाव रहेगा। मां आदिशक्ति की पूजा के पावन पर्व का भक्त काफी इंतजार करते हैं और पूरे परिवार के साथ कलश स्थापना कर मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं। आइए जानते हैं क्यों पंचक काल में शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि सभी भक्तों के लिए बेहद शुभ और फलदायी है...

 इस नवरात्री माँ दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में आ रही प्रेम समस्या का समाधान हो जायेगा 

चैत्र नवरात्रि पर शुभ योग और ग्रहों की उपस्थिति

पंचक 19 मार्च से शुरू हो रहा है और 23 मार्च को समाप्त होगा। लेकिन इस बार पंचक के साथ ही इस दिन 5 ग्रह एक साथ मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। साथ ही इस दिन कई शुभ योग भी रहेंगे जैसे गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग भी इस दिन रहेगा। ऐसे शुभ संयोगों के चलते पंचक को लेकर बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। वैसे भी मां सभी अशुभ प्रभाव को दूर करने में सक्षम हैं और मां महाकाली भी काल के लिए हैं।

मां दुर्गा की पूजा से सारे अशुभ दूर हो जाते हैं

मां दुर्गा की पूजा से सभी अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और भक्तों का कल्याण होता है। इन शुभ योगों और शुभ ग्रहों की उपस्थिति में मां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं, इसलिए पंचक से परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि मां दुर्गा की आराधना ही सारे अशुभ को दूर करने में सक्षम है। कई लोग कहते हैं कि पंचक में पूजा या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है, पंचक के दौरान आप बिना किसी डर के कलश स्थापना और मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं. हालांकि पंचक काल में कुछ कार्य वर्जित होते हैं, जैसे दक्षिण दिशा में यात्रा करना, छत बनाना या लकड़ी का काम करवाना आदि। मां दुर्गा की पूजा करने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक फल मिलते हैं।

मां दुर्गा से ही पूरे ब्रह्मांड को ऊर्जा मिलती है।

शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है कि नवरात्रि के नौ दिन बहुत शुभ होते हैं और हर बुरे योग और ऊर्जा को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। मां दुर्गा से पूरे ब्रह्मांड को ऊर्जा मिलती है और उन्हीं की कृपा से ग्रह-नक्षत्र गतिशील रहते हैं। ऐसे में पंचक के दौरान मां दुर्गा की पूजा करना अशुभ नहीं माना जाएगा. नवरात्रि के चौथे दिन जिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है, वे ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति करने वाली थीं। मां दुर्गा से पूरे विश्व को ऊर्जा मिलती है और सभी तंत्र-मंत्र मां दुर्गा से शुरू होकर उन्हीं पर समाप्त होते हैं। मां की पूजा करने से ग्रह दोष के कारण चल रही परेशानी भी दूर हो जाती है।

पंचक संबंधी शास्त्रीय नियम

चैत्र नवरात्रि में पंचक के दौरान बिना किसी परेशानी के मां दुर्गा की पूजा-अर्चना या कलश स्थापना की जा सकती है। हालांकि शास्त्रों में पंचक को अशुभ नक्षत्रों का योग माना गया है, इसलिए पंचक को अशुभ माना गया है। ये नक्षत्र हैं- रेवती, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, शतभिषा और धनिष्ठा। इन नक्षत्रों के योग से पंचक नक्षत्र का निर्माण होता है। मान्यता है कि पंचक काल में यदि कोई कार्य किया जाता है तो उसकी आवृत्ति भी पांच गुनी होती है। इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य अशुभ फल देता है। पांच दिनों के पांच प्रकार के पंचक होते हैं- रोग पंचक जो रविवार को शुरू होता है, राज पंचक जो सोमवार को शुरू होता है, अग्नि पंचक मंगलवार को और मृत्यु पंचक जो शनिवार को शुरू होता है।

पंचक में क्या है अशुभ

पंचक काल में दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें क्योंकि यह यम की दिशा है। इस समय लकड़ी, तिनका तोड़ना, घर की छत बनाना, चारपाई और कुर्सियाँ बनाना, चटाई बुनना, बिस्तर और कुशन बनाना आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। साथ ही गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, भूमि पूजन, विवाह, मुंडन, नामकरण संस्कार के साथ रक्षाबंधन और भाई दूज का पर्व भी नहीं मनाया जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां

प्रथम मां शैलपुत्री पूजा- नवरात्रि दिवस 22 मार्च 2023 दिन बुधवार

द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी पूजा - नवरात्रि दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार

तृतीय मां चंद्रघंटा पूजा - नवरात्रि दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार

चतुर्थ मां कुष्मांडा पूजा - नवरात्रि दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार

पंचम स्कंदमाता पूजा - नवरात्रि दिन 26 मार्च 2023 दिन रविवार

छठी मां कात्यायनी पूजा- नवरात्रि दिन 27 मार्च 2023 दिन सोमवार

सातवीं मां कालरात्रि पूजा - नवरात्रि दिन 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार

आठवीं मां महागौरी पूजा- नवरात्रि दिन 29 मार्च 2023 दिन बुधवार

नवम मां सिद्धिदात्री पूजा - नवरात्रि दिन 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार