हर संकट का अंत करने के लिए आजमाएं ये चमत्कारी एस्ट्रोलॉजी मंत्र

हर संकट का अंत करने के लिए आजमाएं ये चमत्कारी एस्ट्रोलॉजी मंत्र
Astrology Mantras to end every problem of life

जैसा कि हम जानते है कि मंत्र का अर्थ होता है की मन को एक तंत्र में बांधना। ऐसे कई लोग है जो की आज कल अपने बिजी शेडूअल की वजह से बहुत परेशान रहते है। कई सारी चिंताओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे कई कारण होते है चाहे वो अनावश्यक हो या अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है। आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं।

क्या आप जानते है मंत्र कितने प्रकार के होते है?

मंत्र तीन प्रकार के होते है। सात्विक, तांत्रिक और साबर। सभी मंत्रों का अपना-अलग महत्व है। प्रतिदिन जपने वाले मंत्रों को सात्विक मंत्र माना जाता है। आओ जानते हैं ऐसे कौन से मंत्र हैं जिनमें से किसी एक को प्रतिदिन जपना चाहिए जिससे मन की शक्ति ही नहीं बढ़ती, बल्कि सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है। एस्ट्रोलॉजी प्रेडिक्शन से प्रेम समस्या का समाधान कर सकते है। 

इन मंत्रों के जप या स्मरण के वक्त सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें। जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें। इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे।

क्लेशनाशक मंत्र :

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥

इस मंत्र का नित्य जप करने से कलह और क्लेशों का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं।

शांतिदायक मंत्र :

श्री राम, जय राम, जय जय राम

हनुमानजी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं। कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है। इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है। राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है। यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है।

चिंता मुक्ति मंत्र :

ॐ नम: शिवाय।

इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन मिलता है। यह मंत्र जीवन में शांति और शीतलता प्रदान करता है। शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाते हुए यह शिव मंत्र बोलें व रुद्राक्ष की माला से जप भी करें। तीन शब्दों का यह मंत्र महामंत्र है। अगर आप भी किसी परेशानी का सामना कर रहे है तो एस्ट्रोलॉजी के मन्त्रों द्वारा अपनी दुविधा को खत्म कर सकते है।  अधिक जानकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष से सम्पर्क करे। 

संकटमोचन मंत्र :

ॐ हं हनुमते नम:।

यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें और फिर निश्चिंत हो जाएं। किसी भी कार्य की सफलता और विजयी होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए। यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है।

महामृंत्युजय मंत्र :

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है। यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें। बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है।

संकट से मुक्ति हेतु:

1 : ॐ कालिके नम:।

2 : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।

कालिका का यह अचूक मंत्र है। इसे माता जल्द से सुन लेती हैं, लेकिन आपको इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है। आजमाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल न करें। यदि आप काली के भक्त हैं तो ही करें।

Like and Share our Facebook Page.